Wednesday, January 8, 2020

पिछले कई सालों से रह रहा ह यह गरीब आदमी मेरे घर पर,क्योंकि थोड़ा मन बुद्धि है,मेरे घर से कुछ ही दूर पर इसका घर है, यह सत्य है सौ परसेंट किसी पर मुसीबत आती है साया भी साथ छोड़ देता है,
बचपन से देखता चलाया इस आदमी को दिन में ठेला रिक्शा चलाकर अपनी जिंदगी काटता पेट पालता,पर रात में कहीं पर ठिकाना ना होने के कारण ठंडी गर्मी बरसात दर-दर भटकता रहा,

कभी-कभी रात को मैं खाना लाकर घर से दे देता या फिर जब इसको भूख लगती या पैसे की जरूरत होती खुद ही चला जाता घर पे रात हो या दिन,क्योंकि जो भी हो सका हर संभव मदद की गई हर वक्त पर,

अक्सर अपने दोस्तों के यहा सें शादी का खाना इसके लिए पार्सल लेकर आता था,
2013 मे रात को खाना लेकर आया,खोजते हुए जब इसके पास पहुंचा मैं
पोखरा की बनी सीढ़ी पर सोया हुआ मिला बारिश का महीना था,झाड़ इतनी ज्यादा थी,
सिर्फ अल्लाह ही जानता है,उस वक्त का मंजर क्या था
मैंने अपनी आंख से देखा है यह आदमी सोया हुआ है इसके बगल से ही सांप गुजर रहा है,

इसीलिए कहता हूं मौत है हयात रिस्क सब कुछ अल्लाह के हाथ है,बेशक अल्लाह से डरने की जरूरत है इंसान या जानवर से नहीं, पर एहतियात जरूरी है,

उसी दिन उसी रात तत्काल मैंने सड़क पर बना मकान मेरा खाली पड़ा हुआ था,उसमें रहने की इजाजत दी और ले जा करके इस आदमी को पहुंचाया,
तब से लेकर आज तक यह आदमी वही पर रहता है खाता है सोता है खुद ही बनाता भी है वहीं पर नहाता है,

पर हम किसी पर एहसान नहीं करते,बेशक इंसान होने का फर्ज अदा करते हैं,और इंशाल्लाह करते रहेंगे,

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